From the Pages of my Diary . ' प्रभात ' सच में अपने नाम की ही भाँति मेरे जीवन में एक नए सवेरे की तरह आया था जिसने मेरे जीवन को एक नई काँतिमय रोशनी से भर दिया . प्रभात कॉलेज का सबसे खूबसूरत युवक था . अमूमन कॉलेज की हर लड़की उसको अपना जीवन साथी बनाना चाहती थी. विधि विद्यालय का आखिरी वर्ष मेरे लिए बहुत अहम था. प्यार , इश्क , मोहब्बत जैसी बातों के लिए मेरे पास समय न था. मेरे दिलो- दिमाग में बस एक ही धुन थी, पूरे भारत की श्रेष्ठ वकील बनने की धुन . कॉलेज में मेरे साथी मुझे लेडी हिटलर कहते थे. लंबा कुर्ता, चूड़ीदार सलवार , सिर पर जूड़ा, अत्यधिक लंबे नाखून जो हर वक़्त लाल नेल पेंट से सजे रहते थे, चटख गुलाबी रंग की लिपस्टिक - मेरा यह लिवाज़ मेरी पहचान था . कॉलेज की सभी युवतियाँ मुझसे जलती थीं और युवक मुझपे जाँ छिड़कते ...... अध्यापक अमूमन मुझे यही समझाते कि सुहानी ! कॉलेज में नाखून काट कर लिपस्टिक के बिना आया करो पर मैं अपने नाखूनों व गुलाबी लिपस्टिक के साथ जरा सा भी समझौता नहीं कर सकती थी. प्रभात एक बेहद खूबसूरत पर सिंपल युवक था . श्याम वर्ण , घुँघराले बाल , लंबा कद , सु...